मानव मानवता की खातिर जीवन में स्वीकार करो प्रथम प्यार।। मानव मानवता की खातिर जीवन में स्वीकार करो प्रथम प्यार।।
रे मानव ! कब तू जागेगा। रे मानव ! कब तू जागेगा।
जीवन है, रोटी का खेल इसके हैं, कारनामे अनेक। इज़्ज़त और इंसानियत इन सबके ऊपर है, रोटी एक।। सभी ल... जीवन है, रोटी का खेल इसके हैं, कारनामे अनेक। इज़्ज़त और इंसानियत इन सबके ऊपर ...
जुड़के रहे तो तुम एक गिने जाओगे। जुड़के रहे तो तुम एक गिने जाओगे।
स्वयं के द्वारा रचित पत्र को छू कर मेरा मुस्कुराना। स्वयं के द्वारा रचित पत्र को छू कर मेरा मुस्कुराना।